सनातन धर्म में शनि देव (Shani Dev) को न्याय का देवता माना जाता है, जो भक्तों को उनके कर्म के अनुसार परिणाम देते हैं। यह सबसे धीमी गति से किसी भी राशि में गोचर करने वाले ग्रह है। इनके प्रकोप से इंसान राजा से फकीर भी बन सकता है और उनकी कृपा से भक्ति गरीब से अमीर भी बन सकते हैं। शनि देव की बुरी नजरों से बचने के लिए जातक विशेषकर शनिवार को उनकी विधि विधानपूर्वक पूजा अर्चना करते हैं। काले तिल के तेल का दीपक जलाते हैं। यह 28 साल तक किसी भी राशि में विराजमान रहते हैं। इस दौरान सभी 12 राशियों पर भी इसका शुभ और अशुभ दोनों प्रभाव देखने को मिलता है।
अक्सर अपने शनि की साढ़ेसाती के बारे में सुना होगा, जो कि साढ़े सात साल तक की अवधि होती है। यह तब शुरू होती है, जब शनि ग्रह किसी जातक की जन्म कुंडली में स्थित चंद्र राशि से 12वें भाव में प्रवेश करते हैं।
मिलता है शुभ परिणाम
साढ़ेसाती के सकारात्मक प्रभाव से मेहनत करने वाले जातकों को उचित फल मिलता है। धैर्य और सहनशक्ति में वृद्धि होती है। लोग इन्हें पसंद करते हैं, इन पर कभी किसी तरह की परेशानी नहीं आती। वहीं, शनि की साढ़ेसाती के नकारात्मक प्रभाव से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। मानसिक तनाव बढ़ता है, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती है। पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में क्लेश होता है। करियर और व्यवसाय में रुकावटें आती है। किसी भी राशि पर लगभग 30 साल में एक बार शनि की साढ़ेसाती आती है।
मेष राशि की बढ़ेगी परेशानी
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, 29 मार्च 2025 को रात 11:00 बजे शनि देव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसके साथ ही, वह मेष राशि वालों पर परेशानी बढ़ाने वाले हैं, क्योंकि शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा। मकर राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी।
करें ये काम
मेष राशि पर शनि की साडेसाती शुरू होने के दौरान इन्हें धैर्य और संयम बनाए रखना है। नियमित रूप से योग करते रहे ज्यादा खर्च करने से बचे। अन्यथा, आर्थिक स्थिति पर इसका गंभीर प्रभाव देखने को मिलेगा। गुस्से को काबू में रखें। किसी भी तरह के बाद विवाद से बचे।
करें ये उपाय
- शनि की साढ़ेसाती को दूर करने के लिए शनि देव की पूजा करें।
- उन्हें सरसों या फिर काले तिल का तेल अर्पित करें।
- शनि देव के मंत्रों का जाप करें।
- शनिवार के दिन गरीब और जरूरतमंदों को दान दें।
- शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें।
- शाम में दीपक जलाएं शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
- इसके अलावा, महादेव की भी पूजा-अर्चना करें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)